- ?
Обновления этого меню основаны на вашей активности. Данные хранятся локально (на вашем компьютере) и не передаются нам. Вы можете нажать здесь, чтобы очистить историю или отключить её.
- Ещё...(полный список)
Обновления этого меню основаны на вашей активности. Данные хранятся локально (на вашем компьютере) и не передаются нам. Вы можете нажать здесь, чтобы очистить историю или отключить её.
पापा जी का लण्ड ऐसा ही था !! और वो उसे बेदर्दी से मसल रहे थे, रगड़ रहे थे और बीच बीच में उस पर चांटे भी मार रहे थे। यह नज़ारा देख मैं खुद फिर से उत्तेजित हो गई और मेरी हालत खराब हो गई। मुझे उन्हें देखना बहुत अच्छा लग रहा था और एक बहुत ही अजीब सा ख्याल मन में आया कि मैं जाऊँ और भाग कर पकड़ लूँ उस लण्ड को ! मेरे हाथ अपनी चूत पर चले गए और मैं उनका हस्तमैथुन तब तक देखती रही जब तक वो झड़ नहीं गए। उस रात मैं अच्छे से सो नहीं पाई। अगली सुबह नीलेश के जाने के बाद मैं नहाने गई और स्नान के बाद कपड़े पहनने ही वाली थी कि बाहर से पापा जी के मोबाइल की घण्टी की आवाज आई। मैं घबरा गई और अचानक बाहर से किसी के भागने की आहट आई। मैंने दरवाजे की दरार से झांक कर देखा तो मुझे पापा जी अपना फौलादी लण्ड पकड़ कर भागते हुए नज़र आये। अब मेरा तो बुरा हाल !! मैंने जल्दी से पैंटी-ब्रा पहनी। लेकिन, न जाने वो दिन कैसा शुरु हुआ था मैं अपना गाउन लाना भूल गई।
Похожие видео